⋇⋆✦⋆⋇ " नववर्ष की खुशियां " ⋇⋆✦⋆⋇
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नववर्ष की नई उमंगों का
जीवन में संचार करो
जो भी भूल हुई है पहले
उनका तुम सुधार करो
ग्रिगेरियन कलैंडर से हमारा
वार्षिक कार्यक्रम चलता है
मानव जीवन शैली का भी
नियमित कार्यक्रम बनता है
समय के साथ ही तुम
कर्म की रफ़्तार करो
जो भी भूल .........................
दिसंबर माह के बीतने पर
नया साल आ जाता है
इसी क्रम के चलते-चलते
जीवन पूरा हो जाता है
वैर, द्वेष को त्यागकर के
आपस में तुम प्यार करो
जो भी भूल .........................
मानव जीवन में निस - दिन
परिवर्तन होता रहता है
दृढ़ निश्चय करने वाला ही
सफल हमेशा होता है
नए साल से नई सोच का
मिलकर के इज़हार करो
जो भी भूल .........................
नव वर्ष की भांति ही हमेशा
जीवन में खुशियां आती रहें
पूर्णिमा सी चमक चांदनी
रात सुहानी आती रहे
भाई-बंधु और मित्रजनों का
सदा ही उपकार करो
जो भी भूल .........................
अशोक कुमार यादव, अलवर, राजस्थान
फोन नं. :- 8239427547
ई-मेल :- ashokyadavnet2016@gmail.com
⋇⋆✦⋆⋇ " मां के चरणों में नमन " ⋇⋆✦⋆⋇
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विषय :- नवरात्रा / दुर्गा पूजा
शीर्षक :- मां के चरणों में नमन
यही कहते सब धर्मग्रंथ
यही है गुरुओं का कथन
सबसे पहले मां के चरणों में
शीश झुकाकर करो नमन
मां ही हमें दुनियां में लाती
उंगली पकड़कर चलना सिखाती
सदा हमारी रक्षा करती
जीवन को खुशियों से भरती
मां ही दुर्गा रुप है
कोटि-कोटि इसे नमन
यही कहते सब ................
मां ही हमें संस्कार सिखाती
परिवार को खुशहाल बनाती
जीवन की हर बाधा में
मां ही सच्चा साथ निभाती
मां ही अपने परिवार में
रखती है सब ओर अमन
यही कहते सब .................
मां ही है शक्ति स्वरूपा
मां के ही सब रूप विरुपा
मां ही है ममता की खान
मां में ही सब तीर्थ स्थान
मां के सच्चे आशिर्वाद से
जीवन बन जाता है चमन
यही कहते सब .................
जिसने की है मां की सेवा
उसने पाई खूब है मेवा
मां के खुश रहने से ही
प्रसन्न होते सब देवी और देवा
अन्त में मेरी विनती है सबसे
मां की सेवा में करो गमन
यही कहते सब ..................
अशोक कुमार यादव, अलवर, राजस्थान
फोन नं :- 8239427547
ई-मेल :- ashokyadavnet2016@gmail.com
⋇⋆✦⋆⋇ शीर्षक :- "हिन्दी" ⋇⋆✦⋆⋇
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बड़ी ही उत्तम भाषा है
हिन्दी देश में हिन्दी
इसमें बहुत कीमती है
एक छोटी सी बिन्दी
संस्कृत माता है इसकी
रखती उर्दू से भी नाता
इसको पाकर धन्य हुई
मेरी भारत माता
देवनागरी लिपि है इसकी
व्याकरण भी है इसका न्यारा
बावन वर्ण बनाते हैं इसमें
शब्दों का खेल प्यारा
हर विधा की चहेती है ये
चाहे कहानी हो या उपन्यास
अपने शब्दों से श्रृंगारित करके
करती है सबकी ही पूरी आस
राष्ट्रभाषा बनाकर अब इसको
बढ़ाओ इसकी शान को
आज जरूरत है इसकी
पूरे ही हिन्दुस्तान को
सभी लोग बोलते हैं इसको
चाहे मुस्लिम हो या सिन्धी
बड़ी ही उत्तम भाषा है
हिन्द देश में हिन्दी
अशोक कुमार यादव, अलवर, राजस्थान
फोन नं. :- 8239427547
ई-मेल :- ashokyadavnet2016@gmail.com
©Ashok Kr. Yadav
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